Saturday, November 14, 2009

यार पांच आदमी आएंगे तब फिल्म चलाएगा

गुरुवार को बारिश का मौसम था और अपन राजगढ़ में थे, घर पर सीआईडी (सोनी का टीवी शो, आजकल अपना फेवरेट शो) देख रहा था। तब ही राजीव जैन (मेरा हमनाम दोस्त) का फोन आया, यार टाकिज तक आ जाओ, फिल्म देखेंगे। मैंने कहा राजगढ़ में फिल्म यार क्यूं मजाक कर रहा है। बोला टिकट ले लिए हैं, आ जा। मैं घर पर बिना बोले नवरंग टाकिज तक चला गया। वहां देखा तो बारिश के कारण लोग नदारद, हम सिर्फ तीन जने। दोस्तों ने बताया कि पांच लोग होने की शर्त पर ही यह फिल्म चलाएगा। काफी दिन हो गए थे राजगढ़ के टाकिज में फिल्म देखे अंदर पहुंचे और यूं समçझए हमारे लिए स्पेशल शो चल रहा था। बस नीचे जनरल में कुछ बीस- पच्चीस लोग और आ गए थे। फिल्म थी अक्षय- कैटरीना अभिनीत ब्लू।लोग कम थे इसलिए भाई ने बिना इंटरवेल के सवा छह बजे शुरू हुई फिल्म को साढ़े आठ बजे खत्म। खैर फिल्म की कहानी फिर कभी। पर अपन को कम से कम पांच आदमियों के साथ आने पर फिल्म दिखाने वाला आइडिया ठीक वैसे ही लगा जैसे लापतागंज (सब टीवी का सीरियल) के थिएटर में फिल्म देख रहे हों।