आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उर्दू के महान शायर मिर्जा गालिब का राजगढ से रिश्ता रहा है। मिर्जा गालिब के पिता अब्दुल्ला बेग अलवर रियासत में सिपहसालार थे। उनकी मौत 1802 ई में गढी के युद़ध में हो गई थी। इसके बाद
गालिब परिवार को तत्कालीनराजा बख्तावर सिंह ने ताउम्र पेंशन देने की घोषणा की थी। मिर्जा गालिब को हर माह 150 रुपये पेंशन अलवर रियासत की ओर से भेजी जाती रही।