नमस्कार दोस्तों कैसे हो ? आशा करता हू की अच्छे ही होंगे, एक दिन बाद मकर सक्रांति है तो सोचा की आप सभी को बता दू की राजगढ़ में मकर सक्रांति कैसे मनाई जाती है l
दोस्तों वैसे तो राजगढ़ में भी मकर सक्रांति वैसे ही मनाई जाती है जैसे और जगहों पर मनाई जाती है इस दिन लोग दान दक्षिणा करते है, गायो को चारा खिलाया जाता है, तिल के लड्डू बनाये जाते है और साथ में हलवा, पुड़ी, पूए, खीर, दालके आदि बनाए जाते है लेकिन एक चीज इस दिन यहाँ अलग होती है जो और जगहों पर नहीं होती है(कुछ जगहों पर हो भी सकती है ) दोस्तों राजगढ़ में मकर सक्रांति पर कंचे(कांच की गोलिया) खेले जाते है इस दिन यहाँ पर बच्चे से लेकर बड़े तक सभी कंचे खेलते हुए देखे जा सकते है राजगढ़ में इसे गोली खेलना बोला जाता है, इन गोलियों से कई तरह के खेल खेले जाते है जैसे की खड़ीचोट, कटपिल, ऊनापुरा, ब्लास्तर आदि l जब हम छोटे थे तो सक्रांति से महीनो पहले ही गोली खेलना शुरू कर देते थे, सच में बहुत मज़ा आता था, सक्रांति पर कुण्ड मोहल्ले में गोली खेलने वालो का मेला सा लग जाता था, मगर अब तो सक्रांति पर घर भी जाना नहीं होता है तो गोली खेलना तो दूर की बात है आज मेरा बहुत मन कर रहा है गोली खेलने का पर क्या करू l दोस्तों अगर तुम राजगढ़ जा रहे हो तो गोली जरूर खेलना और खूब मज़े करना अपने बचपन को एक बार फिर से जी लेना l अभी लिखने को तो बहुत सी बाते है मगर अब मुझे नींद भी आ रही है और फिर सुबह क्लास के लिए भी जाना है तो दोस्तों अभी मैं अपने शब्दों को विराम देता हू आप सभी को मकर सक्रांति की बहुत बहुत शुभकामनाये l
Tuesday, January 12, 2010
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मकर सक्रांति की बधाई..हमारे यहाँ हलवा पूड़ी नहीं बनता बल्कि सक्रांति में खिचड़ी चोखा बनता है.
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