राजगढ़ के बारे मे बहुत कुछ बात करने का मौका राजीव भाई ने ब्लॉग पर उपलब्ध कराया है , सबसे पहले उस के लिये राजीव का धन्यवाद ....... क्या है राजगढ़ ..एक नगरी या उससे भी आगे ओर कुछ....इस परिचय के बाद आप खुद निर्णय करे
राजाओ का गढ़ राजगढ़ ,बचपन से राजगढ़ की यही परिभाषा और मंदिर, बंदर, बाग -बावडी यही परिचय सुनते और सुनाते आये है .पहाडियों के बीच मे बसा, चारदीवारी और पुरानी खाई से घिरा राजगढ़ .... नींबू,केरी और हरी सब्जीयों वाला राजगढ़, कालीन की नगरी ( क्या आप को पता है की राजगढ़ से कालीन निर्यात भी होते है ) जयपुर की ही तरह गोविन्ददेवजी की नगरी, पुरी की ही तरह भगवान जगदीशजी की सात दिन की पवित्र रथ यात्रा मे रंगने वाला राजगढ़ , शानदार नगर स्थापत्य का नमूना, जहा हर गली मुख्य सड़क से मिलती है और जहां बारिश का पानी कुछ सेकंड से ज्यादा नहीं रुकता और जहां विशाल किला आज भी अपनी कहानी अपनी बुलंदी से खुद ही बयाँ कर रहा है। प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी पंडित भवानी सहायजी की नगरी, एकात्म मानववाद के प्रवर्तक पंडित दीनदयालजी की पाठशाला, लुपिन लैबरोटरी के मालिक देशबंधु गुप्ता और भारत के सबसे बुजुर्ग हबीब मिया ( जन्म दिन May 28, 1870 ,निधन 19 अगस्त 2008 ) की जन्मस्थली ... अनगिनत आंदोलनों की जन्मभूमि . .........यही है राजगढ़ ...छोटा सा परिचय है राजगढ़ का (जितना मुझे याद आ रहा है ,कुछ भूल रहा हूं तो आप उसको राजगढ़ के परिचय मे जोड़ कर परिचय को आगे बढाये )....."घर" के बारे मे आज बस यही, आज गौरव की अनुभूति ले बाकी बात बाद में.
प्रशांत गुप्ता
Monday, May 11, 2009
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बहुत सुंदर शब्दों में राजगढ का परिचय कराया आपने प्रशांत भाई
ReplyDeleteउम्मीद है आप लगातार लिखते रहेंगे
Hindi ke to master hai, bahut saare competition jeete hai...
ReplyDeleteअच्छा लगा राजगढ़ के बारे में जानकर !
ReplyDeleteउम्मीद है आगे भी पढने को मिलेगा !
शुभकामनाएं
सुन्दर परिचय राजगढ़ का...........स्वागत है आपका
ReplyDeletebahut hee sundar prarambh .
ReplyDeletenivedan karoonga ki HINDI wikipedia se judkar in saree jankariyon ko sthan den .agar ham sab in chote prayason me shamil hote hain to na sirf wiki ke dwara jyada log janenge aur permanent dastavez banega balki hindi wiki kee prishtha sankhya bhee badhegee .
aapko badhayee .
aapka swagat hai !
ji sach me aisa hi hai RAJGARH...
ReplyDeleteहुज़ूर आपका भी ....एहतिराम करता चलूं .......
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ
ये मेरे ख्वाब की दुनिया नहीं सही, लेकिन
अब आ गया हूं तो दो दिन क़याम करता चलूं
-(बकौल मूल शायर)
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
ReplyDeletevery nice, narayan narayan
ReplyDeletewell done....& welcome to my blog...
ReplyDeleteप्यारे
ReplyDeleteबहुत ही आनंदमय ब्लाग है। संयोग यह कि मैं खुद राजगढ़िया हूं और अपने शहर से मुहब्बत करता हूं। फर्क यही कि राजस्थान वाला राजगढ़ नहीं बल्की मालवा-मध्यप्रदेश वाला राजगढ़-ब्यावरा है जो राजस्थान के झालावाड़ से सटता हुआ जिला है।
अच्छा लगा यहां आकर।